दिल्ली हाई कोर्ट की फटकार व निर्देश के बाद आखिरकार राजन बाबू इंस्टीट्यूट ऑफ पल्मोनरी मेडिसिन एंड ट्यूबरक्लोसिस (आरबीटीबी) हॉस्पिटल में अल्ट्रासाउंड मशीन पहुंच गई और छह मई से इसका संचालन शुरू हो जाएगा। एमसीडी ने एक याचिका पर हलफनामा दाखिल कर दिल्ली हाई कोर्ट को यह जानकारी दी।

मामले पर सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता संगठन ने अदालत से अनुरोध किया कि 1500 बेड वाले अस्पताल में सीटी स्कैन मशीन स्थापित की जानी चाहिए। इस पर कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनमोहन व न्यायमूर्ति मनमीत प्रीतम सिंह अरोड़ा की पीठ ने एमसीडी को इस अनुरोध की व्यवहार्यता पर विचार कर अगली सुनवाई पर रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया था।

अधिकारियों पर कार्रवाई की दी गई थी चेतावनी

23 अप्रैल को हुई पिछली सुनवाई के दौरान पीठ ने अल्ट्रासाउंड मशीन की खरीद के लिए आवश्यक प्रमाण पत्र जारी नहीं होने पर नाराजगी व्यक्त की थी और संबंधित अधिकारियों पर कार्रवाई की चेतावनी दी थी। अदालत के सख्त रुख को देखते हुए एक घंटे के बाद दोबारा हुई सुनवाई पर अदालत के समक्ष मशीन खरीदने के संबंध में जरूरी प्रमाण पत्र पेश किया था, जिसकी संबंधित जिलाधिकारी से मंजूरी प्राप्त की गई थी।

साथ ही आश्वासन दिया गया था कि मशीन खरीद कर 15 दिनों के भीतर चालू कर दिया जाएगा। अदालत ने यह टिप्पणी व आदेश आरबीटीबी अस्पताल में अल्ट्रासाउंड मशीनों के साथ-साथ दवाओं के न होने के विरुद्ध गैरसरकारी संगठन सोशल जूरिस्ट द्वारा दायर जनहित याचिका पर दिया था।

याचिकाकर्ता की तरफ से पेश हुए अधिवक्ता अशोक अग्रवाल ने कहा कि अब भी दवा उपलब्ध नहीं है। यह भी कहा कि था कि मशीन उपलब्ध नहीं होने के कारण मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। मामले में अगली सुनवाई 21 मई को होगी।

टीबी की दवा पर सरकार से मांगी ताजा रिपोर्ट

सुनवाई के दौरान टीबी की दवा की कमी पर सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार की तरफ से पेश हुए अधिवक्ता ने बताया कि 4-एफडीसी ए की 21,614 स्ट्रिप्स और 3-एफडीसी ए की 5,516 स्ट्रिप्स दिल्ली में उपलब्ध है। केंद्र सरकार ने यह भी बताया कि आठ मई तक दिल्ली को 2-एफडीसी ए की 6640 स्ट्रिप्स और 3-एफडीसी ए की 4800 स्ट्रिप्स और उपलब्ध कराई जाएगी।

वहीं, वीडियो कान्फ्रेंसिंग से पेश हुए सीएमओ एसएजी ने कहा कि आरबीटीबी में आठ दिन का स्टाक उपलब्ध है। दिल्ली राज्य स्वास्थ्य मिशन के निदेशक दानिश अशरफ ने पीठ को बताया कि उनके पास कोई भी स्टाक अब नहीं है क्योंकि केंद्र सरकार से उपलब्ध कराए गए स्टाक को विभिन्न जिलों को वितरित किया जा चुका है।

अदालत ने कहा कि इन तथ्यों को देखते हुए केंद्र सरकार व दिल्ली राज्य स्वास्थ्य मिशन निर्देश को 4-एमडीसी ए और 3-एफडीसी ए की उपलब्धता के संबंध में दो सप्ताह के अंदर ताजा हलफनामा दाखिल कर रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया जाता है।

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